अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भाजपा अपनी कमर कसती हुई दिख रही है. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक लखीमपुर खीरी कांड के बाद पहली बार सोमवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनाव की रणनीति पर चर्चा की.
पार्टी के 11 अशोक रोड स्थित पूर्व मुख्यालय में बुलाई गई इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव बीएल संतोष, उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह, राज्य में पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, राज्य महासचिव (संगठन) सुनील बंसल और उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे. भाजपा के पूर्व मुख्यालय का इस्तेमाल अब चुनाव प्रबंधन के लिए वॉर रूम में किया जा रहा है.
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पार्टी नेताओं ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा स्थिति और चुनाव संबंधी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया. बताया जाता है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 100 दिन में 100 कार्यक्रम आयोजित करने का खाका तैयार किया है. इससे पहले पार्टी ने इसका एलान किया था कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के 200 से अधिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. पार्टी किसान आंदोलन के बीच किसानों को लुभाने के लिए और अधिक अभियान चलाने की तैयारी में है. इसके अलावा कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों को प्रचारित कर भी वोटरों को लुभाने की कोशिश होगी.
अगले साल की शुरूआत (फरवरी- मार्च) में उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें पंजाब को छोड़कर बाकी राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं.