मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. बीते रविवार को राजस्थान के झूंझनूं में उन्होंने कहा कि अगर किसानों की नहीं सुनी गई तो यह केंद्र सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी. सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘जिनकी सरकारें होती हैं, उनका मिजाज थोड़ा आसमान में पहुंच जाता है. उन्हें यह दिखता नहीं है कि इनकी तकलीफ कितनी है. लेकिन जब वक्त आता है तो उन्हें देखना भी पड़ता है और सुनना भी पड़ता है. अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो यह सरकार दोबारा नहीं आएगी.’ वहीं. राज्यपाल का मानना है कि लखीमपुर खीरी मामले में घटना के दिन ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा हो जाना चाहिए था.
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा, ‘किसानों के साथ ज्यादती हो रही है. वे 10 महीने से पड़े हुए हैं, उन्होंने घर छोड़ रखा है, फसल बुवाई का समय है और वे अब भी दिल्ली में हैं तो सरकार को उनकी सुनवाई करनी चाहिए.’ उन्होंने किसानों के समर्थन में पद छोड़ने के लिए भी तैयार होने की बात की. राज्यपाल ने कहा, ‘उनके लिए मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सबसे झगड़ा कर चुका हूं. सबको कह चुका हूं कि यह गलत कर रहे हो, यह मत करो.’ उनका आगे मानना है कि केंद्र सरकार में घमंड नहीं है. लेकिन सरकार को जो लोग सलाह देते हैं, वे गलत सलाह दे रहे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर किसान आंदोलन के बारे में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘यह तो यूपी वाले बताएं कि असर पड़ेगा या नहीं. मैं तो मेरठ का हूं. मेरे यहां तो कोई भाजपा का नेता किसी गांव में घुस नहीं सकता है. मेरठ, बागपत, मुज्जफरनगर में घुस नहीं सकते है.’