कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि साल 2023 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पार्टी नेतृत्व मुख्यमंत्री का फैसला करेगा. हुबली में मीडिया के साथ बातचीत में विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी जिसका भी नाम तय करेगी, सभी उसे स्वीकार करेंगे. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आगे कहा कि उनकी राष्ट्रीय राजनीति में कोई रुचि नहीं है और वह राज्य में ही रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘सिद्धरमैया ने दोहराया कि उन्हें राष्ट्रीय राजनीति के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई मुलाकात के दौरान भी इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई.’ सिद्धारमैया ने आगे कहा, ‘अब मेरी उम्र 74 साल हो गई है. मैं अधिकतम पांच साल और राजनीति में रह सकता हूं. मैं कर्नाटक में ठीक हूं. मैं कर्नाटक की राजनीति में खुश हूं.’
बताया जाता है कि सिद्धारमैया साल 2023 का विधानसभा चुनाव जीतने पर दूसरी बार राज्य की कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं. वहीं, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को भी मुख्यमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. साथ ही उनके नजदीकी समर्थक भी सिद्धारमैया के करीबियों की तरह अभी से ही उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के पार्टी सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर खींचतान चल रही है और आने वाले दिनों में यह टकराव और बढ़ सकता है.
उधर, बीते हफ्ते कांग्रेस की पूर्व सहयोगी पार्टी जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि 2023 का विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा. उन्होंने राज्य की जनता से कहा है कि वे उन्हें पांच साल तक स्वतंत्र रूप से सरकार चलाने का मौका दें, जिससे उनके कल्याण के लिए कार्यक्रमों को लागू किया जा सके. जेडीएस (एस) ने साल 2023 में पार्टी को सत्ता में लाने के लिए पहले ही ‘मिशन 123’ (224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी सीटें) का एलान कर दिया है.