जापान के नए प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा ने संसद के निचले सदन को भंग कर दिया है. गुरुवार को सदन के अध्यक्ष तादामोरी ओशिमा ने एक पूर्ण सत्र में इसका एलान किया. इसके बाद निचले सदन के सभी 465 सांसद अपनी जगह पर खड़े हो गए और तीन बार जोर-जोर से ‘बानजई’ बोल कर सदन से निकल गए. इस एलान के बाद सभी सांसदों की सदस्यता खत्म हो गई है.
इसके साथ ही अब जापान के संसद (डॉयट) के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेटिव-प्रतिनिधि सभा) के लिए 31 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए आधिकारिक प्रचार अभियान शुरू हो गया है. इससे पहले निचले सदन के लिए पिछला चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के समय साल 2017 में हुआ था.
प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा ने कहा कि वह अपनी नीतियों के लिए जनादेश चाहते हैं. उन्होंने आगे जापान की जनता से ‘भरोसे और सहानुभूति की राजनीति’ करने का वादा किया. इससे पहले बीते हफ्ते उन्होंने अपने एक भाषण में कोविड-19 की एक और लहर आने की स्थिति में कोरोना महामारी को लेकर देश की तैयारी को मजबूत करने के साथ चीन और उत्तर कोरिया के खतरों के खिलाफ सुरक्षा को मजबूत करते हुए अपनी पस्त अर्थव्यवस्था को फिर से वापस पटरी पर लाने का वादा किया था.
बीते महीने फूमिओ किशिदा ने सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पद का चुनाव जीता था. इससे पहले सितंबर, 2020 में पद संभालने के महज एक साल बाद ही योशिहिदे सुगा ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.