क्यों विधानसभा चुनावों से पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक में काफी गरमागरमी हो सकती है

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की तैयारियों पर चर्चा करेगी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की तैयारियों पर चर्चा करेगी. उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों से कहा, ‘सीडब्ल्यूसी में उपचुनावों, विधानसभा चुनावों और संगठन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी.’ भूपेश बघेल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) में उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है.

हालांकि, इस पर स्थिति साफ नहीं है कि इस चर्चा में पार्टी की वर्किंग कमिटी पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर सौंपी गई रिपोर्ट पर चर्चा करेगी या नहीं. इन राज्यों में मार्च-अप्रैल, 2021 में चुनाव हुए थे और इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जांच-पड़ताल करने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमिटी गठित की थी. इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट जून, 2021 में सौंप दी थी. लेकिन न तो इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया और न ही अब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने द हिंदू अखबार से कहा, ‘क्या इस रिपोर्ट का हाल भी एके एंटनी रिपोर्ट की तरह ही होगा?” साल 2014 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद एके एंटनी को इसकी जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बताया जाता है कि एंटनी की रिपोर्ट पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है.

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्किंग कमिटी के सदस्य गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने बैठक बुलाकर पार्टी संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की थी. वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा था पूर्णकालिक अध्यक्ष न होने की स्थिति में पार्टी से जुड़े फैसले कौन ले रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं है. कांग्रेस के ये दोनों वरिष्ठ नेता जी-23 के भी सदस्य हैं, जो पार्टी में सुधारों की मांग कर रही है.

इन बातों को देखते हुए माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई होती है, तो इसमें गांधी परिवार के प्रति निष्ठावान और पार्टी में सुधारों की मांग करने वाले नेताओं के बीच गरमागरमी वाली स्थिति पैदा हो सकती है.

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