सद्दाम हुसैन के सत्ता से बेदखल होने के बाद इराक में पहली बार बिना कर्फ्यू के संसदीय चुनाव संपन्न

इराक में संसदीय चुनाव होने से दशकों के संघर्ष और कुप्रबंधन के खिलाफ जरूरी सुधारों को लेकर लोगों के बीच उम्मीद जगी है

इराक में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है. इस चुनाव में 329 सीटों पर कुल 3,449 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इराक में साल 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के बाद यह छठां चुनाव है. वहीं, 2003 के बाद यह पहला मौका है, जब बिना कर्फ्यू के चुनाव संपन्न हुए हैं.

इराक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष फरहाद अलादीन ने ट्वीट कर बताया कि यह चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है. हालांकि, अधिकांश लोग वोट देने के लिए घरों से बाहर नहीं निकले. इराक के निर्वाचन आयोग के मुताबिक संसदीय चुनाव में केवल 41 फीसदी लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इससे पहले साल 2018 के चुनाव में केवल 44 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इराक निर्वाचन आयोग के प्रमुख ने कहा है कि 24 घंटे के भीतर शुरुआती रुझान घोषित कर दिए जाएंगे.

इस चुनाव के मद्देनजर इराक ने शनिवार रात से सोमवार सुबह तक अपनी हवाई और जमीनी समीओं को बंद कर दिया था. पूरे देश में सुरक्षित मतदान के लिए ढाई लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. वहीं, मतदान केंद्रों के बाहर सेना के जवानों, पुलिसकर्मियों और आतंकवादरोधी बलों की भी मदद ली गई थी.

इराक के संसदीय चुनाव में मतदान से दशकों के संघर्ष और कुप्रबंधन के खिलाफ जरूरी सुधारों को लेकर उम्मीद जगी है. साल 2019 के अंत में भ्रष्टाचार, बदतर सेवा और बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में हजारों की तादाद में लोग राजधानी बगदाद और दक्षिणी प्रांतों में सड़कों पर उतरे थे. इन विरोध प्रदर्शनों में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए थे.

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