जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले के दो ब्लॉकों के स्थानीय प्रतिनिधियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को बनिहाल और रामसू ब्लॉक के करीब 50 सरपंचों और पंचों ने आपात बैठक के बाद सामूहिक रूप से ब्लॉक विकास परिषद के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अपने पद से इस्तीफा देने वाले जनप्रतिनिधियों में शामिल सरपंच गुलाम रसूल मट्टू, तनवीर अहमद कटोच और मोहम्मद रफीक खान ने आरोप लगाया कि सरकार के उनसे किए गए वादें अब भी कागजों पर ही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी अनदेखी की जा रही है और विकास कार्यों में बेवजह दखल दिया जा रहा है. इसके अलावा 30 सरकारी विभागों के कार्यों में ग्राम सभा की हिस्सेदारी का वादा भी ‘क्रूर मजाक’ बन कर रह गया है.
वहीं, जनसंपर्क अभियान के तहत हालिया केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के बारे में बोलते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन उनके प्रोटोकॉल का सम्मान नहीं कर रहा है. इसके अलावा केवल चुनिंदा प्रतिनिधियों को ही मंत्रियों से मुलाकात के लिए बुलाया जा रहा है, जिससे सरकार को बहकाया जा सके.
उधर, इस मामले पर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी प्रवक्ता मोहित भान ने ट्वविटर पर लिखा है, ’55 पंचों और सरपंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. सरकार न तो इन जनप्रतिनिधियों को सुरक्षित रख सकी और न ही उन्हें जनकल्याण के लिए सशक्त कर सकी. सरकार का जमीनी स्तर तक लोकतंत्र ले जाने के दावे की पोल इन सामूहिक इस्तीफों से खुल गई है. प्रशासन उनके साथ सजावट की वस्तु की तरह व्यवहार करना जारी रखे हुए है.’
55 Panch & Sarpanches resign en masse. Cosmetic normalcy pomp & show being projected stands punctured. The government failed in securing these elected representatives & neither could empower them to carry out public welfare works. pic.twitter.com/aJRv1PNKwO
— Mohit Bhan موہت بھان (@buttkout) October 8, 2021
वहीं, जिला पंचायत अधिकारी अशोक सिंह ने विरोध कर रहे सदस्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. सोमवार को इनके बीच एक और बैठक तय है.