सीपीआई की तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर कोई चर्चा नहीं हुई. यह बैठक चार अक्टूबर को खत्म हुई है. समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक पार्टी नेताओं ने उनके इस कदम को ‘विश्वासघात’ माना है. पार्टी के नेताओं का मानना है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस में जाने पर कोई आश्चर्य नहीं है और यह अवसरवाद को दिखाता है. बीती 28 सितंबर को नई दिल्ली में कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे.
पार्टी महासचिव डी राजा ने कहा, ‘कन्हैया पर कोई चर्चा नहीं हुई. पार्टी के सहयोगियों ने सीपीआई छोड़ने को लेकर कुछ टिप्पणी की गई थी. जैसा कि पहले मैंने कहा था. कन्हैया कुमार का यह कदम उनकी महत्वाकांक्षा का परिणाम था. उनकी कोई वैचारिक राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं है.’
Shri @kanhaiyakumar & Shri @jigneshmevani80 join the Congress party in the presence of Shri @RahulGandhi. pic.twitter.com/ceJMXJPs8P
— Congress (@INCIndia) September 28, 2021
उन्होंने आगे कहा, ‘उनके पार्टी छोड़ने की वजह से विश्वासघात होने की भावना पैदा हुई है. हमने उन्हें हर मौका दिया था. उन्हें सीधे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया और वे लोकसभा चुनाव (2019) लड़े थे.’ जेएनयू छात्र संघ के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार 2019 के चुनाव से पहले सीपीआई में शामिल हुए थे.
इससे पहले कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद डी राजा ने कहा था कि पार्टी छोड़ने से पहले एक-दूसरे के संपर्क में थे, लेकिन पार्टी छोड़ने को लेकर कोई बात नहीं हुई थी. सीपीआई महासचिव ने कहा था, ‘सीपीआई नि:स्वार्थ संघर्ष और त्याग के लिए जाना जाता है. जो भी हमारे पार्टी में आना चाहते हैं उन्हें नि:स्वार्थ जीवन के लिए तैयार होना होगा. राष्ट्रहित में सर्वोच्च बलिदान देना और लोगों के लिए काम करना होगा.’