ब्राजील में चुनाव से एक साल पहले राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं. खबर के मुताबिक दो अक्टूबर को राजधानी रियो डी जेनेरियो और साओ पाउलो सहित कई अन्य शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति बोलसोनारो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. साथ ही, कोरोना माहमारी को सही से न संभालाने को लेकर उन पर महाभियोग लगाने की मांग की है.
इन प्रदर्शनकारियों में शामिल 75 वर्षीय मैरिलेना मैग्नैनो ने समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस से कहा, ‘यह देखना बहुत दर्दनाक है कि स्वास्थ्य और शिक्षा को बर्बाद कर दिया गया है और देश में बहुत सारे लोग भूखमरी के शिकार हैं. हम चाहते हैं कि बोलसोनारो सरकार से बाहर हों. उनका समय बीत चुका है.’
At today's protest in São Paulo – the class of 68: "I fought against the dictatorship when I was young, and now I am here fighting Bolsonaro" pic.twitter.com/WdXkFpR19o
— Vincent Bevins (@Vinncent) October 2, 2021
माना जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन के पीछे पूर्व राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा की वर्कर पार्टी है. ब्राजील के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि अक्टूबर, 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जायर बोलसोनारो को लूला डी सिल्वा चुनौती देंगे.
कोविड-19 महामारी को लेकर राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो की सोच को इस बात से जाना जा सकता है कि उन्होंने अब तक टीके की खुराक नहीं ली है और न ही मास्क का इस्तेमाल करते हैं. कोरोना के चलते 21 करोड़ की आबादी वाले ब्राजील में अब तक करीब छह लाख लोगों की मौत हो चुकी है.